गर्मियों के मौसम में साइट पर काम करने के दौरान वर्कर्स को तप्ति हुई गर्मी और हयुमिड कन्डिशन में काम करना पड़ता है, हम जानते हैं की खुली धूप में काम करना कितना मुश्किल भरा होता है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इस गर्मी की वजह से वर्कर्स की तबीयत खराब हो जाती है। गर्मी की वजह से तबीयत के खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, इनमें से एक Heat Stress या Heat Related Illness कहा जाता है।
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इस आर्टिकल में मैं आपको Heat Stress के बारे में पूरी जानकारी बताने वाला हूँ ताकि आप साइट पर खुद को और खुली धूप में काम करने वाले वर्कर्स की सेहत का खयाल रख सकें। इस लेख के द्वारा आपको Heat Stress से जुड़ी सभी इनफार्मेशन मिलेगी, और साथ साथ आपको एक Heat Stress PPT की फाइल को डाउनलोड करने को दिया जाएगा जिसे आप अपने स्टाफ के साथ शेयर करके उन्हे जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
Heat Stress at Workplace
सबसे पहले आपको बता देता हूँ की Heat Stress Kya Hota hai? देखिए Heat Stress तब होता है जब हमारे शरीर में गर्मी बढ़ने और गर्मी कम होने के बीच असंतुलन पैदा होता है जिसकी वजह से हमारा शरीर गर्मी से पर्याप्त रूप से खुद को ठंडा कर पाने में असमर्थ हो जाता हैं जिससे शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से हमारा शरीर खुद को ठंडा करने की कोशिश में अधिक पसीना निकालता है, जिससे हमारे बॉडी में Fluid Loss हो जाता है, नतीजतन Heat Stress होता है।
गर्म वातावरण में काम करने के लिए नए वर्कर्स या जो वैसे लोग जिन्हें अधिक पसीना निकलता है या जिनकी बॉडी गर्मी की अधिकता को बर्दाश्त नहीं कर पाता है, उन्हें Heat Stress का अधिक खतरा होता है। ऐसे वातावरण में ठीक से ढलने के लिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसे वर्कर्स को उनके सामान्य वर्कलोड के 50% पर दो या तीन दिनों के लिए गर्मी में रखा जाए और उसके बाद हर दिन धीरे-धीरे ड्यूटी को बढ़ाना चाहिए।
Heat Stress Effects and Symptoms
Heat Stress बेहद ही खतरनाक हो सकता है अगर इसे सही से मैनेज नहीं किया जाता है इससे वर्कर्स के शरीर पर गंभीर इफेक्टस हो सकते हैं, कुछ बेहद कॉमन लक्षण नीचे बताए गए हैं:-
- अधिक पसीने आना
- मांसपेशियों में परेशानी
- ध्यान में व्यवधान और भ्रम होना
- चक्कर आना
- कमजोरी लगना
- मतली सिरदर्द सांस फूलना
- देखने में परेशानी होना आदि।
इसके अलावा शरीर में लॉंग टर्म इफेक्टस भी हो सकते हैं जैसे की हार्ट, लिवर, किड्नी की बीमारी होना। यदि किसी वर्कर्स पर ये लक्षण दिखता है, तो यह जरूरी है कि आप उन्हें तुरंत पहचानें और तुरंत एक्शन लें जैसे की उन्हें छायादार क्षेत्र में ले जाना, कपड़े उतार कर हवा आने दें, हो सके तो बर्फ लगाये और आवश्यकतानुसार ठंडा पानी डालना शामिल है।
अगर आप निश्चित नहीं है की क्या करें तो तुरंत उन्हें चिकित्सा सुविधा यानि अस्पताल ले जाना जरूरी है क्यूंकी यदि एक व्यक्ति को गर्मी का अनुभव हो रहा है यदि उपचार में बहुत अधिक देरी की जाए तो इससे पीड़ित व्यक्ति बेहोश हो सकता है और उसकी भी मृत्यु हो सकती है।
Heat Stroke Kya Hai?
Heat Stroke एक जीवन-घातक स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान 106°F से ऊपर बढ़ जाता है, जिसे “लू लगना” भी कहते हैं, 106°F से अधिक शरीर के तापमान पर, पसीना आना अक्सर बंद हो जाता है जिससे शरीर गर्मी से छुटकारा पाने में असमर्थ होता है और शरीर का तापमान लगातार बढ़ता जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति का दिमागी संतुलन काम करना बंद हो सकते हैं और अगर तत्काल ट्रीट्मन्ट नहीं दिया जाता है तो Heat Stroke के परिणामस्वरूप कोमा, दिमाग को नुकसान या मृत्यु तक हो सकती है, यह एक आपातकालीन स्थिति होती है।
Heat Stroke Effects and Symptoms
Heat Stroke अचानक और बिना किसी चेतावनी के आ सकता है, इसके कुछ संकेत और लक्षण नीचे दिए गए हैं:-
- गर्म, शुष्क, लाल त्वचा (आमतौर पर पसीना नहीं आना)
- उत्तेजना और भ्रम
- सिरदर्द, मतली और उल्टी होना
- तेजी से सांस चलना
- अनियमित पल्स
- दौरे पड़ना
- बेहोशी छाना
- शॉक लगना
- हृदय गति रुकना आदि।
अगर ऊपर दिए गए लक्षण जारी हों तो वर्कर को ठंडा करने का प्रयास करें, और तुरंत चिकित्सा देखभाल की व्यवस्था करें। जब कर्मचारी सांस नहीं ले रहा हो, या बेहोश हो, तो किसी प्रशिक्षित व्यक्ति (Trained First Aider) द्वारा नियमित फर्स्ट ऐड प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
जैसे की वर्कर को उपलब्ध सबसे ठंडे क्षेत्र में ले जाएँ, बाहरी कपड़ों को ढीला कर दें या हटा दें, कर्मचारी पर स्पंज, स्प्रे करके उसे ठंडा करना जारी रखें चिकित्सा सहायता आने की प्रतीक्षा करते समय, ठंडा पानी, या उसे नम चादर से ढककर रखें। इसका मतलब है की वर्कर को पंखा करके अतिरिक्त ठंडक प्रदान करने की कोशिश की जानी चाहिए।
Heat Exhaustion Kya Hai?
Heat Exhaustion उस कन्डिशन को कहा जाता है जिसमें शरीर डीहाइड्रैट हो जाता है जो आमतौर पर अत्यधिक पसीना आने के कारण होता है, बॉडी अपने इन्टर्नल टेम्परचर को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाता है क्यूंकी पसीने की वजह से खोए हुए पानी और नमक की भरपाई नहीं हो पाती है। यह गर्म और हयुमिड कन्डिशन में बाहर काम करने वाले वर्कर्स में सबसे अधिक होता है।
Heat Exhaustion Effects and Symptoms
Heat Exhaustion के कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित होते हैं:-
- सामान्य कमजोरी और थकान महसूस होना
- मांसपेशियों पर खिंचाव होना
- चक्कर आना और बेहोशी लगना
- सिरदर्द और मतली होना
- पीली, ठंडी और चिपचिपी त्वचा हो जाना
- अत्यधिक पसीना आना
- तेज़ पल्स चलना
- तेज़ सांस चलना
- मांसपेशियों में ऐंठन होना आदि।
Heat Exhaustion होने पर वर्कर को ठंडे स्थान पर आराम के लिए रखें और पानी और तरल पदार्थ (Electral Powder) पीने को दें। यदि उल्टी न हो तो वर्कर के पैरों को थोड़ी देर ऊपर उठा कर रखें और पीने के लिए ठंडा पानी दें, इसके बाद तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
Heat Cramps Kya Hai?
Heat Cramps गर्म वातावरण में काम करने या एक्सरसाइज़ करने के कारण होने वाली मांसपेशियों की ऐंठन होती है, जब अत्यधिक पसीना चलने की वजह से सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ जाता है। यह शरीर में नमक और पानी की कमी के कारण होती है जो अत्यधिक पसीने के कारण बॉडी से बाहर निकल कर Heat Cramps का कारण बनती है।
Heat Cramps Effects and Symptoms
Heat Cramps के लक्षण में मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी, प्यास और बढ़ी हुई हृदय गति शामिल है इसमें अक्सर जांघों, पिंडलियों और पेट की मांसपेशियों में ऐंठन अनुभव होते हैं।
शरीर में ख़त्म हुए नमक को बदलने के बाद ही गर्मी की ऐंठन ठीक हो जाती है। जब किसी वर्कर को माँसपेशियों में ऐंठन के साथ-साथ थकान, कमजोरी, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव जैसे अन्य लक्षण होते हैं, तो कर्मचारी पहले से ही Heat Exhaustion या Heat Stroke से पीड़ित हो सकता है। इसलिए ऐसा होने से पहले वर्कर को ठंडे स्थान पर आराम के लिए रखें और पीने के लिए ठंडा पानी दें।
Heat Rash Kya Hai?
Heat Rash वैसे कन्डिशन को कहा जाता है जिसमें लोगों के शरीर में दाने यानि घमौरी पैदा हो जाते हैं जो तीव्र खुजली ऐंठन और कांटेदार संवेदनाओं के साथ होते हैं। ये घमौरियां उन जगहों में होने की संभावना सबसे अधिक होती है जहां कपड़े स्किन के बगल में गर्म और हयुमिड हवा में ट्रैप हो जाते हैं।
Heat Rash Effects and Symptoms
Heat Rash होने की संभावना तब होती है जब पसीना बॉडी के अंदर ही गर्मी के कारण सूखने लगता है, इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित होते हैं:-
- शरीर में सूखापन महसूस होना
- अधिक खुजली होना
- शरीर पर छोटे दाने निकलना
- शरीर में कांटा चुभता महसूस होना आदि।
Heat Rash से बचने के लिए बार-बार गर्मी के संपर्क में आने से बचें। पसीना अधिक आने पर सभी कपड़े बार-बार बदलें और हमेशा साफ़, स्टार्च-मुक्त, ढीले-ढाले कपड़े पहनें। गर्म जगह पर जाने से बचें जब तक दाने ठीक न हो जाएं और जहां तक संभव हो प्रभावित क्षेत्र को साफ, ठंडा और सूखा रखें।
ये भी पढ़ें – Industrial Safety की पूरी जानकारी – हिन्दी में
Heat Stress Controls & Precautions at Workplace
अब बात करते हैं की Heat Stress & Heat Related Illness जो ऊपर बताए गए हैं, इनको किस प्रकार से कंट्रोल किया जाना चाहिए? ऊपर मैंने वर्कर्स के लिए कुछ कुछ कंट्रोलस को बताया है, लेकिन अगर कंपनी की बात करें तो Manager, Supervisor या Safety Professionals को क्या उपाय करना चाहिए इसके बारे में मैं आपको बता देता हूँ, जिसे आप अपनी कंपनी में अप्लाइ कर सकते हैं।
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जैसा की आपको पता होगा की किसी भी Hazards और Risk को Control करने के लिए Hierarchy of Control का उपयोग किया जाता है। जैसा की आप पिक्चर में देख रहें हैं।
- Elimination & Substitution:- गर्मी के महीनों के दौरान Heat Stress Hazards का Elimination और Substitution करना पॉसिबल नहीं है।
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2. Engineering Controls:
- इंजीनियरिंग कोन्टरोल्स में हवादार शेड एरिया
- एसी रेस्ट शेल्टर
- ज्यादा गर्मी वाली जगहों का थर्मल इन्सुलेशन करवाना आदि शामिल है।
3. Administrative Controls:
- लाइव हीट की निगरानी और जोखिम मूल्यांकन और मोनिट्रिंग सिस्टम
- शिफ्ट सिस्टम / रेस्ट टाइम मोनिट्रिंग
- सभी शौचालयों/मूत्रालयों में Urine Color Chart लगाए जाने चाहिए ताकि पेशाब के कलर से हाइड्रैशन लेवल पता चल सके।
- डीहाइड्रैशन के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने के लिए जागरूकता ट्रैनिंग।
- फ्लूइड और ठंडे पानी का हर जगह उपलब्ध होना।
- मेडिकल टीम की मौजूदगी।
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4. PPE Control : कूल-वेस्ट जैसे विशेष PPE प्रवाइड करवाना ताकि किसी भी गरम जगहों पर लगातार काम करने पर बॉडी का तापमान बराबर मैन्टैन रहे।
Heat Stress Illness Poster Beat the Heat
आपको अपने साइट पर लोगों में जागरूकता बनाने के लिए Beat the Heat का Safety Poster जरूर लगवा सकते हैं, नीचे एक पोस्टर दिया गया है जिसे आप अपने साइट पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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Heat Stress PPT Download
जैसा की मैंने आपको ऊपर बताया था की आपको मैं Heat Stress की Powerpoint (PPT) के Presentation फाइल को डाउनलोड करने का लिंक दूंगा तो नीचे दिए गए लिंक से आप इसे डाउनलोड करके अपने ट्रैनिंग और अवेर्नेस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
Heat Stress PPT File
Download Click hereConclusion
मेहनत को कम करने और शरीर को अभ्यस्त होने की अनुमति देने के लिए शरीर को अजस्ट होने दें और सुनिश्चित करें कि सभी स्टाफ ऐसे कपड़ों से बने कपड़े पहनें जो गर्मी को अवशोषित करने के बजाय प्रतिबिंबित करते हैं। पूरे वर्क्प्लैस में उपयोग के लिए पोर्टेबल कूलिंग पंखे उपलब्ध कराने पर विचार करें, या ठंडी, दबाव वाली हवा के समायोज्य प्रवाह के साथ जैकेट प्रदान करें जो इसे सीधे वर्कर्स के सीने या पीठ के क्षेत्रों में हवा पहुंचा सके।
Heat Stress at Workplace को हल्के में लेने की गलती काफी भारी पड़ सकती है, इसीलिए ऊपर बताए गए कंट्रोल के उपाय को अपनी कंपनी में जरूर अप्लाइ करें और अपने वर्कर्स को सेफ रखें।
Frequently Asked Questions:-
ऊष्मा तनाव से आप क्या समझते हैं?
गर्म वातावरण में काम करने के लिए नए वर्कर्स या जो वैसे लोग जिन्हें अधिक पसीना निकलता है या जिनकी बॉडी गर्मी की अधिकता को बर्दाश्त नहीं कर पाता है, उन्हें ऊष्मा तनाव का अधिक खतरा होता है।
हीट स्ट्रेस किस प्रकार का खतरा है?
Heat Stress तब होता है जब हमारे शरीर में गर्मी बढ़ने और गर्मी कम होने के बीच असंतुलन पैदा होता है जिसकी वजह से हमारा शरीर गर्मी से पर्याप्त रूप से खुद को ठंडा कर पाने में असमर्थ हो जाता हैं जिससे शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से हमारा शरीर खुद को ठंडा करने की कोशिश में अधिक पसीना निकालता है, जिससे हमारे बॉडी में फलुईड की कमी हो जाती है, नतीजतन हीट स्ट्रेस होता है।
हीट स्ट्रोक का मतलब क्या होता है?
Heat Stroke एक जीवन-घातक स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान 106°F से ऊपर बढ़ जाता है, जिसे “लू लगना” भी कहते हैं, 106°F से अधिक शरीर के तापमान पर, पसीना आना अक्सर बंद हो जाता है जिससे शरीर गर्मी से छुटकारा पाने में असमर्थ होता है और शरीर का तापमान लगातार बढ़ता जाता है।
हीट स्ट्रोक कैसे होता है?
Heat Stroke अचानक और बिना किसी चेतावनी के आ सकता है, जब शरीर का तापमान 106 डिग्री F से ज्यादा हो जाता है और गरम हवाएं इसका कारण बनती हैं।
लू लगने के लक्षण क्या होते हैं?
गर्म, शुष्क, लाल त्वचा (आमतौर पर पसीना नहीं आना)
उत्तेजना और भ्रम
सिरदर्द, मतली और उल्टी होना
तेजी से सांस चलना
अनियमित पल्स
दौरे पड़ना
बेहोशी छाना
शॉक लगना
हृदय गति रुकना आदि।हीट एग्जॉशन क्या है?
हीट एग्जॉशन उस कन्डिशन को कहा जाता है जिसमें शरीर डीहाइड्रैट हो जाता है जो आमतौर पर अत्यधिक पसीना आने के कारण होता है, बॉडी अपने इन्टर्नल टेम्परचर को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाता है क्यूंकी पसीने की वजह से खोए हुए पानी और नमक की भरपाई नहीं हो पाती है।
हीट क्रैम्प क्या है?
हीट क्रैम्प गर्म वातावरण में काम करने या एक्सरसाइज़ करने के कारण होने वाली मांसपेशियों की ऐंठन होती है, जब अत्यधिक पसीना चलने की वजह से सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ जाता है। यह शरीर में नमक और पानी की कमी के कारण होती है
हीट रैश कैसा दिखता है?
Heat Rash वैसे कन्डिशन को कहा जाता है जिसमें लोगों के शरीर में दाने यानि घमौरी पैदा हो जाते हैं जो तीव्र खुजली ऐंठन और कांटेदार संवेदनाओं के साथ होते हैं। और छोटे दाने की तरह दिखते हैं।
घमौरियां होने का क्या कारण है?
ये घमौरियां उन जगहों में होने की संभावना सबसे अधिक होती है जहां कपड़े स्किन के बगल में गर्म और हयुमिड हवा में ट्रैप हो जाते हैं।