दोस्तों! Daily Toolbox करना सभी साइट पर जरूरी होता है, इससे काम करने वाले लोगों को काम के बारे में इसके खतरे और इसके Precautions के बारे में सही जानकारी सूपर्वाइज़र के द्वारा दी जाती है। इस आर्टिकल में आपको Safety Topics for Daily Toolbox talk के बारे में पूरी जानकारी बताने वाला हूँ। नीचे लिखी जानकारी के टॉपिक से आप Toolbox Talk आराम से कर सकते हैं।
Safety Topics for Daily Toolbox Talk in Hindi
नीचे दिए गए Safety Topics for Daily Toolbox talk के सभी टोपिक्स को आप ध्यान से पढ़ कर आइडीआ ले सकते हैं और इसे जुड़ी जानकारी को आप आने Daily Toolbox Talk में शामिल कर सकते हैं। इसमे बताई गई जानकारी आपको हिन्दी में दी गई है जिससे की आपको समझने और अपने वर्कफोर्स को समझाने में आसानी होगी, और आप इसे अपने Safety Topics for Daily Toolbox Talk Meeting कर सकते हैं।
TBT Full Form in Safety
जैसा की आपको पता है की किसी भी साइट पर डेली TBT करवाना काफी जरूरी होता है, TBT का Full Form – Tool Box Talk होता है जिसे Tool Box Meeting भी कहा जाता है। जिसे साइट पर सुबह काम के शुरू करने से पहले सूपर्वाइज़र के द्वारा करना जरूरी होता हैं। आइए अब इसके करने के टॉपिक को नीचे देखते हैं।
Topic – 1:- पोर्टेबल सीढ़ी के प्रयोग में सुरक्षा (Safety in Portable ladder)
ऊँचाई पर कार्य करने के लिये हमेशा उस स्थान तक जाने के लिए स्थिर सीढ़ी या प्लेटफार्म नहीं होती है। पोर्टेबल सीढ़ी का प्रयोग ऊँचाई पर उन कार्यों को करने के लिए किया जाता है जहां पर पहुंचने के लिए स्थिर सीढ़ी या प्लेटफार्म नहीं है। ऊँचाई पर कार्य करना कभी-कभी खतरनाक हो सकता है। पोर्टेबल सीढ़ी ऊँचाई पर पहुंचने के लिये एक सुरक्षित साधन है अगर इसका प्रयोग सावधानी पूर्वक किया जाय। पोर्टेबल सीढ़ी के उपयोग में निम्नलिखित सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए-
सीढ़ी का चयन
- सीढ़ी का चयन कार्य की ऊँचाई को ध्यान में रखकर करना चाहिये। सीढ़ी हमेशा, कार्य ऊँचाई से 2 फीट ऊँची होनी चाहिये ।
- प्लांट के अन्दर काम करने के लिये लकड़ी की सीढ़ी का चयन न करें।
- सीढ़ी के प्रयोग से पहले देख लें कि सीढ़ी का कोई रंग ( डंडा ) टूटा या गायब तो नहीं है।
- सुनिश्चित कर लें कि सीढ़ी पूर्णतया कसी हुई है। इसके साईड बार या रंग ढीले नहीं होने चाहिये ।
- सीढ़ी के नीचे रबर के कवर व ऊपर फंसाने के लिये हुक लगे होने चाहिए।
सीढ़ी का प्रयोग
- सीढ़ी लगाते समय नीचे फर्श की जांच कर लें कि फर्श समतल है व फिसलने वाला तो नहीं है ।
- सीढ़ी को ऊपर किसी सहारे में हुक से अटका दें या उसके ऊपर रस्सी से बांध दे। जमीन पर सीढ़ी ठीक से सेट होनी चाहिये ।
- सीढ़ी का कोण हमेशा 75° डिग्री अंश कोण पर 1/4 के हिसाब से लगाना चाहिये ।
- 10 फीट से अधिक ऊँचाई पर काम करते समय हमेशा सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करें ।
- सीढ़ी पर चढ़ते-उतरते समय हमेशा सीढ़ी की तरफ मुंह रखना चाहिये और साईड बार को पकड़े रखना चाहिये ।
- सीढ़ी पर कभी भी एक व्यक्ति से अधिक से अधिक काम न करें केवल एक व्यक्ति ही एक बार में सीढ़ी पर काम करेगा।
- सीढ़ी पर चढ़ते-उतरते समय कोई भी सामान हाथ में न रखें। सामान लेने व उतारने के लिये रस्सी का प्रयोग करें।
- सीढ़ी को कभी भी घूमते साधन जैसे—- हैड ट्राली इत्यादि पर न लगाये तथा जब तेज हवा चल रही हो तो सीढ़ी का प्रयोग न करें ।
- सीढ़ी को कभी भी बंद दरवाजे के सामने व खिड़की के शीशों पर न लगायें ।
- सीढ़ी पर चढ़कर काम करते समय इधर-उधर झुक कर काम न करें।
- सीढ़ी को कभी भी बिजली के तारों के आस-पास न लगायें ।
- सीढ़ी पर काम करते समय किसी प्रकार का हंसी मजाक न करें तथा न तो कोई सामान नीचे फेंके व पकड़ने की कोशिश करें ।
- सीढ़ी का कभी भी गलत इस्तेमाल जैसे पटरे की जगह या पुल बनाकर उस पर से पार होने के लिये न करें ।
सीढ़ी का रखरखाव
- सीढी को प्रयोग के बाद साफ करके उसके विशिष्ट स्थान पर रख सीढ़ी को कभी भी आने-जाने वाले रास्तों व खुले स्थान पर न रखें।
- सीढ़ी का प्रयोग के बाद इसमें आये किसी त्रुटि या विकार की जानकारी अपने निरीक्षक को दें व उसे ठीक करायें।
Topic – 2:- कन्वेयर बेल्ट में सुरक्षा (Safety in Conveyor Belt)
हमारे प्लांट में कन्वेयर्स के द्वारा लाईमस्टोन, एडिटिव, जिप्सम तथा फ्लाईऐश इत्यादि का हस्तानान्तरण किया जाता है। किसी भी प्लांट में कन्वेयर्स का बहुत प्रयोग होता है। कन्वेयर्स के ऑपरेशन, अनुरक्षण व सफाई के दौरान यदि आवश्यक सावधानी न रखें तो गंभीर से गंभीर दुर्घटना हो सकती है। अतः कन्वेयर्स पर काम करते समय निम्नलिखित सावधानियां रखनी चाहिए:-
- यह हमेशा सुनिश्चित कर लें कि कन्वेयर बेल्ट के दोनों तरफ पुलकार्ड लगा हुआ है तथा ये सही व चालू अवस्था में है।
- कन्वेयर्स के सभी घूमते भागों जैसे ड्राईव तथा टेल पुली, कपलिंग इत्यादि पर सुरक्षा गार्ड लगे हों।
- जब भी कोई कन्वेयर चालू होता है तो सायरन बजता है, अगर ऐसा न हो तो तुरन्त अपने सुपरवाईजर या सम्बन्धित अधिकारी को इसकी सूचना दें ।
- कन्वेयर पर बने दोनों तरफ के रास्ते (Walk Way) पूरी तरह साफ-सुथरे होने चाहिए।
- कन्वेयर्स व इसके आस-पास मरम्मत व सफाई का कार्य चालू अवस्था में नहीं करना चाहिए ।
- कन्वेयर एरिया में कार्य करते समय ढीले-ढाले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
- कन्वेयर बेल्ट को कभी भी चालू या बन्द अवस्था में पार नहीं करना चाहिए। जहां-जहां पर इनको पार करने के लिये क्रास ओवर ब्रिज (Crossover Bridge) बने हो, उन्हीं स्थानों से कन्वेयर को पार करें ।
- संकट की स्थिति में चलते हुए बेल्ट को रोकने के लिए पुल कार्ड का प्रयोग करना चाहिए ।
- कन्वेयर पर मरम्मत का कार्य उचित वर्क परमिट लेकर ही करें तथा पुल कार्ड व लोकल स्टॉप स्विच को बन्द कर रखें।
- कन्वेयर पर यदि वेल्डिंग कटिंग का कार्य करना हो तो हाट परमिट अवश्य लें तथा सुनिश्चित करें कि वहां आग लगने का खतरा न हो।
Topic – 3:- गैस कटिंग कामों में सुरक्षा (Safety in Gas cutting)
उद्योगों में वेल्डिंग एवं गैस कटिंग का काम अक्सर होता है । इस काम के दौरान आग व विस्फोट, बिजली का झटका, जलने और जहरीली गैस व धुंए का खतरा रहता है। अतः कामगारों यानि वेल्डर को सभी सुरक्षित तौर-तरीकों की जानकारी होना चाहिए।
- गैस वेल्डिंग या कटिंग के कार्य में व्यक्तिगत बचाव के लिए रंगीन चश्मा तथा चमड़े का दस्ताना अवश्य प्रयोग करें।
- गैस सेट के किसी भाग या फिटिंग से गैस रिसाव की जांच साबुन का पानी लगा कर करें। खराब उपकरणों को तुरन्त बदल दें।
- सिलेण्डरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए सिलेण्डर ट्राली का प्रयोग करें तथा उन्हें बांध कर रखें।
- वेल्डिंग या कटिंग का कार्य शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कार्यक्षेत्र में कोई ज्वलनशील पदार्थ न हो तथा आग रोकने के लिए किसी आग प्रतिरोधक चद्दरों से ढक दें।
- ईंधन गैसों जैसे कि एसीटीलीन / एलपीजी गैसों के लिए लाल रंग का हौज और ऑक्सीजन के लिए नीले रंग का हौज सदैव उपयोग करें तथा सुनिश्चित कर लें कि दोनों हौज की लम्बाई समान हो ।
- सिलेण्डर में रेग्यूलेटर लगाने से पहले लीकेज को रोकने के लिए यह जरूरी है कि सिलेण्डर का वाल्व तथा रेग्यूलेटर की सीट साफ कर लें।
- बन्द जगहों में काम करने के लिए सिलेण्डरों को बाहर रखें तथा वेन्टीलेशन की उचित व्यवस्था करें।
- ऑक्सीजन गैस की नली तथा रेग्युलेटर फिटिंग पर ग्रीस या तेल कभी न लगायें।
- एसीटीलीन गैस के लिए तांबे की फिटिंग का प्रयोग कभी भी न करें ।
- फ्लैश बैक रोकने के लिए रेग्युलेटर में फ्लैश बैक अरेस्टर तथा ईंधन गैस लाइन में नान रिटर्न वाल्व का प्रयोग करें।
- कार्य शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि गैस टार्च पूरी तरह बन्द है इसके बाद सर्वप्रथम ऑक्सीजन सिलेण्डर का वाल्व तथा उसके बाद एसीटीलीन सिलेण्डर का वाल्व खोलें ।
- सिलेण्डर का वाल्व खोलते समय दूर खड़े रहें तथा धीरे-धीरे खोलें ।
- टार्च जलाने के लिए लाइटर का प्रयोग करें। माचिस, गरम धातु या वेल्डिंग आर्क का प्रयोग कभी न करें।
- बन्द जगह में कार्य के बाद गैस सप्लाई हर पोईंट से बंद कर दें भले ही काम थोड़ी ही देर के लिए रूका हो।
- कार्य खत्म होने के बाद पहले एसीटीलीन फिर ऑक्सीजन का वाल्व बंद करें ।
Topic – 4:- इलेक्ट्रीक वेल्डिंग में सुरक्षा (Safety in Welding work)
सभी Industry में Welding का काम अक्सर होता है। इस काम के दौरान आग व विस्फोट, बिजली का झटका, जलने और जहरीली गैस व धुंए का खतरा रहता है। अतः कामगारों यानि वेल्डर को सभी सुरक्षित तौर-तरीकों की जानकारी होना चाहिए।
- सुनिश्चित कर लें कि सप्लाइस होल्डर से कम से कम 3 मीटर दूर हो।
- नियमित रूप से इलेक्ट्रोड होल्डर के इन्सुलेशन, केबलों और अन्य सामग्री का निरीक्षण करते रहें। खराब हुए केबल को तुरन्त बदल दें ।
- सुनिश्चित कर ले कि केबल व पॉवर स्त्रोत पर धूल / ग्रीस न लगी हो ।
- वेल्डिंग करने वाली वस्तु को वेल्डिंग रिटर्न कनेक्शन से अलग अर्थ करें। अर्थिंग केबल को ज्वालाग्राही द्रव या गैस ले जाने वाली पाईपों से कदापि न जोड़ें।
- केबलों को ठीक से रखें जिससे कि कोई अटक कर न गिरे।
- प्लग टरमिनल को ढंक कर रखें, जिससे कि धातु की वस्तुओं से शार्ट न हो।
- बिजली की मात्रा केबल की बनावट के अनुरूप ही रखें।
- इलेक्ट्रोड के टुकड़ों को बर्तन में रखें।
- इलेक्ट्रोड को इस तरह से जलायें कि, होल्डर से 38 से 50 मिलीमीटर लम्बाई बची रहे। इससे अधिक जलाने से इलेक्ट्रोड होल्डर खराब हो जाएगा।
- काम खत्म होने पर वेल्डिंग मशीन को पावर स्त्रोत से अलग कर दें और इलेक्ट्रोड को होल्डर से हटा कर होल्डर को सुरक्षित स्थान पर रखें ।
- वेल्डिंग शुरू करने से पहले ज्वलनशील पदार्थो को कार्य क्षेत्र से हटा लें या उन्हें आग प्रतिरोधक चद्दरों से ढंक दें।
- बन्द जगह में काम करते समय सिलेण्डर / वेल्डिंग मशीन को बाहर की ओर बांध लें और उचित संवातन (वेन्टिलेशन) की व्यवस्था रखें।
- सही बनावट का वेल्डर स्क्रीन इस्तेमाल करें।
- आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करें।
Topic – 5:- भाड़ा में सुरक्षा (Safety in Scaffolding Work)
कारखाने में कई बार ऐसी जगहों पर कार्य करना होता है जहां पर काम करने के लिए पहले से कोई साधन नहीं होता, वहां पर भाड़ा यानि Scaffolding बनाकर काम किया जाता है। इसके अतिरिक्त निर्माण कार्य में भाड़ा बनाकर बहुत से कार्य किये जाते है । भाड़ा बनाने के लिये क्या-क्या सावधानी लेनी चाहिए, यह जानना अति आवश्यक हैं क्योंकि भाड़े के फेल होने के कारण गंभीर से गंभीर दुर्घटना घटित हो सकती है।
- भाड़े की भार क्षमता अनुमानित भार की कम से कम चार गुना होनी चाहिए ।
- भाड़े की ऊँचाई उसके बेस से चार गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- भाड़े को किसी मजबूत सहारे से जोड़ कर रखना चाहिए ।
- भाड़ा बनाते समय बेस प्लेट का इस्तेमाल करें तथा सुनिश्चित करें कि जहां भाड़ा बनाना है वह जगह बराबर है तथा भाड़े तथा कार्य की भार क्षमता सहन कर सकती है।
- अधिक ऊँचाई का भाड़ा होने पर हर 9 मीटर पर लैंडिग प्लेटफोर्म रेलिंग व टो गार्ड सहित होना चाहिए ।
- भाड़े के साथ-साथ उस पर चढ़ने के लिये उपयुक्त सीढ़ी का होना अत्यन्त आवश्यक है।
- भाड़े पर 122 एम. एम. पर गार्ड रेल, 600 एम.एम. पर मिड रेल व 100 एम.एम पर टो गार्ड होना चाहिए।
- कार्य के प्लेटफार्म की चौड़ाई कम से कम 46 सेमी होनी चाहिए तथा ग्रेटिंग भाड़े के साथ मजबूती से बांधी होनी चाहिए ।
- वर्टिकल तथा हारीजेन्टल मेम्बर फिक्स क्लेप के साथ ही जुड़े होने चाहिए।
- प्लेटफार्म पर कोई चीज बिखरी अवस्था में नहीं होनी चाहिए। छोटे सामानों को टूल बॉक्स में रखना चाहिए।
- भाड़ा खोलते समय ऊपर से नीचे की तरफ खोलना चाहिए।
- भाड़े के पाईप को गिराना नहीं चाहिए उनको रस्सी से बांध कर उतारना चाहिए।
- जब तक भाड़ा पूरा नहीं हो जाये उस पर ” भाड़ा बन रहा है’ का बोर्ड लगा देना चाहिए।
- भाड़ा बनाने के लिए कभी भी खराब पाईप, क्लैम्प इत्यादि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
Topic – 6:- विद्युत कार्य में सुरक्षा (Electrical Safety)
बिजली का उपयोग आजकल चाहे कल-कारखाने हो या हमारा व्यक्तिगत जीवन सब जगह हो रहा है। आज विद्युत के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जहां विद्युत हमारी मित्र है वहीं इसके ऊपर सावधानी से कार्य न करने पर गम्भीर दुर्घटना घटित हो सकती है।
- प्रत्येक बिजली के उपकरण के लिए अर्थिंग का प्रावधान करें।
- हमेशा Isolation को वेरफाइ करने के बाद ही इलेक्ट्रिक इक्विप्मन्ट पर काम करें
- कार्य आरंभ करने से पहले मोटर / ट्रांसफार्मर को बंद किया जाना सुनिश्चित करें।
- केपेसिटर पेनल और एच.टी. ड्राईव को कार्य आरंभ करने से पहले दो बार डिस्चार्ज करें।
- हमेंशा Safety Gloves पहनें।
- प्रत्येक बिजली के उपकरण की अर्थिंग दो स्थानों पर सुनिश्चित करें ।
- केबल जोड़ आरंभ करने से पहले दो बार डिस्चार्ज करें।
- हाथ के ब्लोवर्स, ग्राइण्डर्स की अर्थिंग हमेंशा सुनिश्चित करें ।
- कार्य स्थल पर प्रर्याप्त प्रकाश सुनिश्चित करें ।
- कार्य पूरा होने पर कार्य स्थल की सफाई करें ।
- वेल्डिंग एम / सी सप्लाई को सही साईज के केबल के साथ स्विच और अर्थ से जोड़ें।
- डबल टेस्ट लेम्प / मल्टी मीटर की मदद से 3 फेज एल.टी. सप्लाई टेस्ट करें।
- उपकरण को चार्ज करने से पहले आई. आर. वेल्यु की जांच करें।
- हमेशा उचित पी.पी.ई (PPE) का प्रयोग करें ।
- मोटर और अन्य बिजली के उपकरणों के रख-रखाव के लिए बिजली का कार्य अनुज्ञा पत्र सुनिश्चित करें ।
- सुरक्षित क्षेत्र में केवल 24 वॉल्ट का टेस्ट लेम्प ही काम में लें।
- सही शट डाउन के बिना कार्य आरंभ न करें।
- चालू तार पर कभी कार्य न करें।
- ब्लोवर का अस्थाई कनेक्शन कभी न करें ।
- वेल्डिंग मशीन का अस्थाई कनेक्शन न करें ।
- बिना जूतों के ड्यूटी पर न आवें ।
- कार्य क्षेत्र के पास आराम या गप्पबाजी न करें ।
- बिजली के उपकरणों के पास बीड़ी सिगरेट न पिएं।
- ढीले कपड़े न पहनें।
- 3 फेज एल. टी. सप्लाई को कभी सिंगल टेस्ट लेम्प से टेस्ट न करें ।
- डबल टेस्ट लेम्प में भिन्न-भिन्न वाट के लेम्प काम में न लें।
- न्यूट्रल के स्थान पर अर्थ को काम में न लें।
Topic – 7:- गैस सिलेण्डर सुरक्षा (Safety in Compressed Gas Cylinders)
गैस सिलेण्डर का भडारण रख-रखाव व एक स्थान से दूसरे स्थान लाने ले जाने की प्रक्रिया हर कारखाने में होती है। अगर गैस सिलेण्डर के इस्तेमाल में सावधानी न बरती जाय जो शारीरिक चोट के अलावा, आग व विस्फोट की घटना भी हो सकती है। अतः गैस सिलेण्डर के इस्तेमाल में निम्न सावधानियां ध्यान में रखनी चाहिये।
गैस सिलेण्डर खाली हो अथवा भरा, हमेशा इनके इस्तेमाल व एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने व भडारण में बराबर सावधानी रखनी चाहिये।
- गैस सिलेण्डर को कभी भी में लुढ़काना या खींचना नहीं चाहिये ।
- गैस सिलेण्डरर्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने के लिये हमेशा हैण्ड ट्राली का इस्तेमाल करना चाहिये।
- गैस सिलेण्डरर्स को उंचाई पर ले जाने के लिये केज का प्रयोग करना चाहिये । स्लिंग से बांध कर नहीं उठाना चाहिये।
- गैस सिलेण्डर्स को हमेशा चेन से बांध कर रखना चाहिये जिससे वे गिरे नहीं।
- एसिटलीन सिलेण्डर को हमेशा खड़ी अवस्था में रखना चाहिए। कभी भी लिटाना नहीं चाहिये।
- गैस सिलेण्डर के वाल्व व फिटिंग को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुचाना चाहिये। इनका इस्तेमाल सिलेण्डर को खीचने के लिये न करें ।
- गैस सिलेण्डर का वाल्व धीरे-धीरे खोलना चाहिये तथा बन्द भी सावधानी पूर्वक करना चाहिये ।
- कभी भी अत्यधिक दबाव नहीं देना चाहिये ।
- गैस सिलेण्डर हमेशा हवादार शेड में सूर्य या किसी भी प्रकार की गर्मी के स्त्रोत व ज्वलनशील पर्दाथों से दूर रखना चाहिये
- गैस सिलेण्डर्स को कभी भी उपर से पटकना नहीं चाहिये तथा उन्हें आपस में टकराने भी नहीं देना चाहिये
- गैस सिलेण्डर के इस्तेमाल के समय उन पर फ्लेश बैक अरेस्टर लगाना चाहिये।
Topic – 8:- हाथ गाड़ी का सुरक्षित प्रयोग (Safety in Hand Trolley)
किसी भी कारखाने में हाथ गाड़ी ( हैन्ड ट्राली ) का प्रयोग एक सामान्य बात है । थोड़ा सामान ढोने में या किसी ऐसे रास्तों पर जहाँ डम्पर, हाइड्रा इत्यादि नहीं जा सकते, हाथगाड़ी काफी उपयोगी सिद्ध होती है। इनके प्रयोग के दौरान कभी-कभी गलत चयन, असुरक्षित लोडिंग या असुरक्षित संचालन के कारण दुर्घटना हो जाती हैं। प्रस्तुत सुरक्षा निर्देशों का उद्धेश्य इन दुर्घटनाओं की संख्या को न्यूनतम करना है।
- हाथगाड़ी को उपयोग में लाने से पहले उसके पहियों व हैण्डिल की स्थिति अच्छी तरह जाँच लें
- बोझ की मात्रा, आकार – प्रकार एवं प्रकृति के अनुसार उपयुक्त गाड़ी का चयन करें
- बोझ के वजन तथा चलने वाले रास्ते को ध्यान में रखते हुए गाड़ी धकेलने वाले आदमियों की संख्या सुनिश्चित कर लें।
- गाड़ी के पहियों का लुब्रीकेशन अच्छी हालत में रखें।
- गाड़ी पर सामान / मशीन / सिलिण्डर आदि रखते समय गाड़ी को समतल जगह पर खड़ी करें तथा पहियों के आगे पीछे अवरोध रखें।
- विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को एक साथ रखना हो तो भारी एवं चपटी आकार की वस्तुओं को रखने के बाद हल्की एवं दूसरी प्रकार की वस्तुओं को रखें ।
- बेलनाकार वस्तुओं जैसे गैस सिलेण्डर, ड्रम, पाईप इत्यादि को रखने के बाद उनके आगे पीछे अवरोध रखें।
- खुले सामानों को गाड़ी पर रखने के बाद उन्हें एक दूसरे से बाँध दें।
- गाड़ी पर सामान लादते समय अपने पैर पहियों से दूर रखें ।
- गाड़ी पर बोझ इस तरह रखें जिससे कि बोझ का कोई हिस्सा बाहर न निकले ।
- गाड़ी पर बोझ की ऊँचाई उतनी ही रखें जिससे कि आगे का रास्ता साफ दिखे।
- गाड़ी पर लदा हुआ बोझ इतना हो जिससे कि उपलब्ध व्यक्तियों द्वारा इसे आसानी से चलाया जा सके ।
- यदि कोई एक मशीन / मोटर / रोलर एसेम्बली या इसी तरह की कोई दूसरी भारी वस्तु रखनी हो तो उसे गाडी के बीच में रखें ।
- भरी या खाली गाड़ी में किसी आदमी को न बैठने दें।
- गाड़ी को इतनी तेज न भगाएँ जिससे कि गाड़ी नियंत्रित करना कठिन हो ।
- गाड़ी को ऐसे रास्तों से गुजारें जो गाड़ी की चौड़ाई से दो फीट ज्यादा चौड़ी हो ।
- गाड़ी को चलाते समय गड्ढों एवं ब्रेकरों से सावधान रहें क्योकि इन जगहों पर गाड़ी के उछलने से उस पर लदा हुआ सामान गिर सकता है या फिर गाड़ी ही अंसतुलित हो सकती है
- गाड़ी को चढ़ाई पर ले जाते समय गाड़ी को खीचें तथा पीछे से धक्का भी दें एवं ढलान पर इसे उतारते समय पीछे से पकडे रहें ।
- गाड़ी को अंधे मोडों/ दरवाजों से गुजारते समय सतर्क रहें। हो सके तो किसी एक को दूसरी तरफ से आते हुए वाहनों/व्यक्तियों को सूचना देने के लिए आगे कर दें।
- भीड़-भाड़ वाले रास्तों पर गाड़ी चलाते समय आगे चलते हुए कर्मचारियों को रास्ते से हटाने के लिए आवाज दें।
- गाड़ी को चालते समय गाड़ी से सुरक्षित दूरी बनाएँ रखें।
- गाड़ी संचालन के समय आपसी ताल-मेल बनाएँ रखें तथा हँसी-मज़ाक से बचें।
Topic – 9:- उँचाई पर कार्य में सुरक्षा (Height Work Safety)
कारखाने में बहुत से कार्य उँचाई पर सम्पन्न होते है । बहुत सी जगह तो हमें कार्य करने हेतु स्थायी प्लेटफार्म, रेलिंग व सीढ़ी बनी होती है, परन्तु कई बार हमें कार्य हेतु इन सबकी व्यवस्था करनी होती है। अतः अगर उँचाई पर सावधानी पूर्वक कार्य न करें तो घातक दुर्घटना भी हो सकती है । उँचाई पर कार्य करते समय निम्नलिखित सावधानियां लेनी चाहिये ।उँचाई पर कार्य करने से पहले उँचाई पर कार्य करने का वर्कपरमिट अवश्य प्राप्त कर लें।
- 10 फीट या उससे अधिक उँचाई पर कार्य करते समय सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करें। हमारे कारखाने में केवल फुलवाड़ी, दोहरी लेनयार्ड वाली सेफ्टी बेल्ट का ही प्रयोग करना है।
- उँचाई पर चढ़ने उतरते व इधर उधर जाते समय आवश्कतानुसार फालअरेस्टर, लाईफ लाईन, सेफ्टी नेट का प्रयोग करें।
- सुनिश्चित करें कि कार्य करने की जगह पर सुरक्षित प्लेटफार्म, पहुँचने के लिये सीढ़ी उपलब्ध है। बिना इसके कार्य न करें
- उँचाई पर चढ़ने से पहले चेक कर लं कि आपके जूतो में तेल, ग्रीस, कीचड़ इत्यादि नहीं लगा हो तथा आपके जूते ठीक से बंधे हों ।
- अपनी सेफ्टी बेल्ट को किसी मजबूत आधार से कार्य करने की उँचाई से थोड़ा उपर बाँधना चाहिये । उँचाई पर कार्य करते समय न तो नीचे कोई सामान फेंकें तथा नीचे से कोई सामान फेंक कर पकड़ने कोशिश करें। सामान को रस्से की सहायता से उपर नीचे पहुचायें।
- कार्य करने के स्थल पर आवश्यकतानुसार आड़बन्द तथा चेतावनी संकेत लगाये ।
- कार्य करने हेतु बनाये गये, भाड़े, सीढ़ी तथा प्लेटफार्म की सक्षम अधिकारी द्वारा जाँच करा ले।
- पेन्टिंग का कार्य करते समय ध्यान रखें कि पेन्ट, वेल्डिंग, कटिंग इत्यादि गतिविधियों से दूर रहें, अन्यथा इसमे आग लगने का खतरा रहता है।
- पेन्ट के डब्बे को सावधानी पूर्वक प्रयोग करें तथा पेन्टिंग (रंग करना) के दौरान धूम्रपान न करें। कार्य समाप्त होने के बाद कार्यस्थल से समस्त अनावश्यक चीजें हटाकर अच्छी गृहव्यवस्था सुनिश्चित करें ।
- उँचाई पर कार्य करते समय कोई भी सामान खुला नहीं रखना चाहिये जिससे कि उसके नीचे गिरने का खतरा हो।
Topic – 10:- PTW (Work Permit System)
वर्क परमिट प्राप्त कर कार्य करना सुरक्षित रीति से काम करने की पद्दति का एक महत्वपूर्ण अंग है । वर्क परमिट (PTW) यह सुनिश्चित करता है कि जिस उपकरण का वर्क परमिट लिया गया है, उस पर कार्य करने हेतु सभी आवश्यक सावधानियां ले ली गई है तथा उस पर कार्य करना सुरक्षित है। हमारे कारखाने में निम्नलिखित वर्क परमिट विभिन्न कार्यों हेतु लिये जाते है।1. ऊंचाई पर कार्य हेतु परमिट ।
2. खुदाई के कार्य हेतु परमिट ।
3. हॉट वर्क (वेल्डिंग, कटिंग) हेतु परमिट ।
4. एल. टी. (LT) तथा एच.टी. (HT) उपकरणों पर कार्य हेतु परमिट ।
5. कन्फाईन्ड स्पेस परमिट (Confined Space Permit)।
अतः उपरोक्त में से कोई भी कार्य करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कार्यानुसार सही वर्क परमिट ले लिया गया है तथा वर्क परमिट में लिखित समस्त सुरक्षा सम्बन्धी सावधानियां ले ली गई है। साईट इंजीनियर का यह दायित्व है कि वे उपरोक्त समस्त सावधानियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें तथा कामगारों को इससे अवगत करायें ।
कार्य समाप्त होने पर परमिट के प्राप्तकर्ता को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि कार्य स्थल से उनके सभी व्यक्ति/उपकरण हटा लिये गये हैं तथा सभी सामान्य बचाव के साधनों को पूर्व अवस्था में ले आया गया है। उपरोक्त सावधानियों को सुनिश्चित करने के पश्चात ही वर्क परमिट को वापस करना चाहिए।
एक बार वर्क परमिट वापस होने के पश्चात उस उपकरण पर किसी भी प्रकार का कार्य दुबारा करने की कोशिश न करें इससे आप दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं।
Topic – 11:- हस्त औजार से सुरक्षा (Hand Tools Safety )
हस्त औजारों (Hand Tools) का उपयोग कारखाने में बहुतायात में होता है। इसके गलत इस्तेमाल से हाथों के अलावा शरीर के अन्य भागों में चोट लगने की पूरी सम्भावना रहती । अतः इनसे सम्बन्धित खतरों व सावधानियों की जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है। हस्त औजारों के इस्तेमाल में निम्न कारणो से दुर्घटना हो सकती है :-
1. सही औजार का प्रयोग न करना
2. औजार का सही तरीके से इस्तेमाल न करना
3. औजर का गलत उपयोग करना
4. खराब औजार का प्रयोग करना
5. सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग न करना
सावधानियां
- हमेशा कार्य के अनुसार सही औजार का चयन कर प्रयोग करना चाहिए ।
- इस्तेमाल करने से पहले औजार को चेक कर लें तथा खराब औजार का प्रयोग न करे ।
- जिन औजारों पर हत्था (Handle) लगता हो ( जैसे – फाईल, हथौड़ा ) सुनिश्चित कर ले कि वह सही से लगा हुआ है। खराब हत्थे का प्रयोग न करें।
- जिन औजारों के माथे / टिप्स मोटे हो गये हों उनका इस्तेमाल न करें। उन पर समय-समय पर धार लगायें ।
- स्क्रू ड्राईवर का इस्तेमाल किसी वस्तु को हाथ में रख कर न करें ।
- धार वाले औजारों की धार को किसी कवर से ढक कर रखें।
- घिसे हुए और खराब औजारों का प्रयोग कदापि न करें ।
- सही माप व सही साईज के औजार का ही प्रयोग करें ।
- हस्त औजारों का गलत इस्तेमाल (जैसे- स्क्रू ड्राईवर का क्रो बार की तरह, स्पैनर इत्यादि का हैमर की तरह) कदापि न करें ।
- हस्त औजार को कभी भी किसी को ऊंचाई पर फेक कर न दे तथा न ही औजार को उपर से गिरायें ।
- ऊंचाई पर चढ़ते समय हस्त औजार को जेब में न रखें तथा ऊंचाई पर कार्य करते समय उनको बांध कर रखें ।
- जहां औजारों का प्रयोग न हो रहा हो तो उन्हें रैक या टूल बाक्स में रखें और औजारों को इधर-उधर बिखरा कर न रखें।
Topic – 12:- व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPEs)
सुरक्षा हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, दस्ताने आदि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की श्रेणी में आते है । हमारा यह दायित्व है कि हम तकनीकी रूप से कारखाने को एक सुरक्षित कारखाना बनायें तथा सुरक्षित कार्य विधियों का पालन करें। इसके साथ-साथ कार्यानुसार सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करें। यहां यह जान लेना आवश्यक है, कि सुरक्षा उपकरण खतरों को दूर नहीं करते हैं, बल्कि हमारे और खतरे के बीच एक अवरोधक का कार्य कर हमारी रक्षा करते हैं। अतः यह आवश्यक है कि हम कार्य को उसके बनाये गये नियमों का पालन करते हुए करें तथा समस्त आवश्यक सुरक्षा उपकरणों का भी प्रयोग करें।
याद रखें सुरक्षा उपकरण (PPE’s) आपकी रक्षा करते है अतः इनका सही रख-रखाव करना चाहिए तथा खराब हो जाने पर इनको समय पर बदल देना चाहिए।
Topic – 13:- विद्युत चलित छोटे उपकरण (Portable Electrical Equipment)
विद्युत चलित छोटे उपकरणों जैसे ग्राइन्डर (Grinder), ड्रिल मशीन (Drill Machine), ब्लोवर (Blower) इत्यादि का कारखानें में प्रायः इस्तेमाल होता हैं क्योंकि ये उपकरण बिजली द्वारा संचालित होते है तथा इनका उपयोग एक व्यक्ति करता है। ऐसे में अगर इनके रख-रखाव व उपयोग पूर्ण सावधानी न रखीं जाए तो शारीरिक चोट के साथ-साथ बिजली का झटका भी लग सकता है। अतः इन उपकरणों के इस्तेमाल में निम्नलिखित सावधानियां लेनी चाहिए:-
- सुनिश्चित करें कि मशीन में प्लग टाप लगा हुआ हैं तथा तार पूरी तरह सही अवस्था में है। अगर तार में कहीं कट हो तो उसका इस्तेमाल न करें ।
- सुनिश्चित कर लें कि मशीन की अर्थिंग सही से की हुई है ।
- उपकरणों की केसिंग (कवर) यदि टूटा हुआ है तो उपकरण का इस्तेमाल न करें तथा कवर को बदलवायें ।
- उपकरण को चलाने से पहले सुनिश्चित कर लें कि उपकरण के बटन सही तरीके से काम कर रहें हैं ।
- उपकरण को पावर सप्लाई से जोड़ने से पहले उपकरणों के सभी बटन बन्द होने चाहिए ।
- सुनिश्चित कर लें कि उपकरण के पावर केबल की लम्बाई उचित है। उसमें न तो तनाव होना चाहिए और न ही तार जोड़ कर लम्बा करना चाहिए ।
- उपकरण के तारों को फर्श पर इस तरह न फैलावें कि उसमें फंस कर गिरने का खतरा हो तथा उनके कटने से करन्ट लगने का खतरा हो ।
- गीले या नमी वाले स्थान पर पोर्टेबल इलेक्ट्रीकल छोटे उपकरणों का इस्तेमाल न करें ।
- उपकरणों के साथ घिसे-पिटे तथा खराब बिट्स (Bits) का प्रयोग न करें ।
- जब उपकरण काम में नही आ रहा हो तो, स्वीच को बन्द कर प्लग को निकाल दें।
- विद्युत चलित उपकरणों के इस्तेमाल के समय आँखों की सुरक्षा के लिये सुरक्षा चश्मों तथा हाथ में दस्तानों का प्रयोग करना चाहिए ।
- विद्युत चलित उपकरणों की नियमित रूप से सक्षम अधिकारी द्वारा जांच कराते रहना चाहिए।
Topic – 14:- बन्द जगह में कार्य करते समय सुरक्षा (Confined Space Safety)
कारखाने में बहुत सी बन्द जगहे (Confined Space) जैसे सैलो, साईक्लोन, हॉपर्स बैग हाउस के अन्दर, ई. एस.पी. और अन्य Plant के बंद उपकरणों के अन्दर होती है, जहां पर आने-जाने के लिए सिमित द्वार होते हैं तथा हवा की भी कमी हो सकती है। ऐसी जगहों पर कार्य करने से पूर्व आवश्यक सावधानियां न लेने पर गम्भीर दुर्घटना हो सकती है। कन्फाईड स्पेस में काम करते समय निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए
- बन्द जगह में जाने से पहले सुनिश्चित कर लें कि कार्य का पूर्ण रूप से सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण कर लिया गया है तथा वर्क परमिट ले लिया गया है। जब तक अपने निरीक्षक से आदेश न मिले अन्दर न जायें
- सुनिश्चित कर लें कि समस्त उपकरण प्रोडक्शन लाईन व विद्युत लाईन से पूर्णतया अलग कर लिये गये हैं।
- बन्द जगह (Confined Space) में काम करते समय 24 वॉट का हेण्ड लेंप ही इस्तेमाल करें।
- बन्द जगह (Confined Space) में काम करते समय सुनिश्चित करें कि अन्दर-बाहर बातों का आदान प्रदान आसानी से हो सके ।
- सुनिश्चित करें कि सुरक्षा तथा आकस्मिक स्थिति में प्रयोग होने वाले समस्त उपकरण मौजूद हो तथा सही अवस्था में हों । इनका प्रयोग अवश्य करें ।
- बन्द जगह में काम करते समय बाहर से कम से कम एक व्यक्ति को ओजेवर की तरह रहना चाहिए तथा बचाव के लिये आदमी उपलब्ध रहना चाहिए ।
- कार्य से पहले व कार्य के दौरान वर्क परमिट के अनुसार समस्त सुरक्षा नियमों का पालन करें। जल्दबाजी करने की कोशिश न करें ।
- कार्य के उपरान्त कार्य स्थल से समस्त वस्तुओं को हटा दें। कार्यस्थल का सम्पूर्ण निरीक्षण कर ही वर्क परमिट वापस करें ।
- आक्समिक स्थिति में बचाव कार्य करने से पहले अन्य लोगों को सूचित करें।
Topic – 15:- फिसलने, ठोकर खाने और गिरने की रोकथाम (Safety in Slip, Trip, & Fall )
कार्यस्थल पर फिसलना, ठोकर खाना एवं गिरना चोट लगने के सामान्य कारण है, जो कभी-कभी गंभीर और घातक भी हो सकते है। इन्हें सरल उपायों से रोका जा सकता है।
फिसलना –
चिकनी सतहें, तेल, ग्रीस आदि का बिखराव
गलत जूते, गीले फर्श, फिसलने वाली वस्तुएं आदि।
ठोकर खाना –
- टेढ़े-मेढ़े फर्श, फर्श की सतह के स्तर में अचानक होने वाले परिवर्तन ।
- गालियारों में बाधाएं, जैसे घिसटती-लटकती तारें, औज़ार, ट्रालियां, पैकिंग सामग्री, पैलेट्स, रैकों से
- बाहर निकली हुई वस्तुएं, आगे की ओर निकली हुई दराजें, इत्यादि ।
- फिसलन भरी या क्षतिग्रस्त सीढ़ियां तथा सीढ़ियों में पैर रखने की अपर्याप्त जगह ।
- कार्यक्षेत्रों, गालियारों और सीढ़ियों में खराब प्रकाश व्यवस्था तथा प्रकाश स्तरों में अचानक परिवर्तन । अंधेरे किनारे। लंबे और लहराते कपड़े।
गिरना –
- फर्श की असंरक्षित दहलीज
- चलते हुए वाहन
- फर्श, कार्य मचान, ऊंचाई पर स्थित गालियारों, सीढ़ियों तथा सामग्रियों के ऊंचे ढेर के असंरक्षित किनारे ।
- अस्थिर ऊंचे स्टूल, कुर्सियां और सीढ़ियां
- अस्थिर कार्य मचान और कमजोर छत
- त्रुटिपूर्ण सीढ़ियां और स्कैफोल्ड
- अस्थिर दशाएं
फर्श –
- गीले फर्श से बचें। गीली सतहों पर धीमी गति से चले । कार्यक्षेत्र को साफ सुथरा रखें
- उपकरण इस तरह से रखें की उनकी लटकती – घिसटती तारें पदयात्री मार्गों के बीच न आएं। सुरक्षित रूप से स्थिर तारों के आवरण इस्तेमाल करें।
- फर्श के स्तरों में परिवर्तन दर्शाने के लिए अत्यधिक दर्शनीय रंग का उपयोग करें।
गृह व्यवस्था –
- गलियारे, रास्ते और सिढ़ियां खाली और सूखे रखें। ऐसे स्थानों में सामान न रखें। बिखराव पर नज़र रखें और उसे तत्काल साफ करें। बिखराव करने वाले कार्यों में सुधार करें।
- यह सुनिश्चित करें कि सामग्री, औजार, उपकरण इत्यादि अपने सही निर्धारित स्थानों पर रखें है। अवांछित सामग्री को शीघ्र हटा दें, गड्डमड्ड स्थान साफ कर दें । वस्तुओं को वहा न छोड़ें जहां उनसे ठोकर लगें।
- कार्यक्षेत्र में सही प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करें।
जूते और कपड़े –
- यह सुनिश्चित करें कि जूते के फीते बंधे हुए है।
- सुनिश्चित करें कि जूते ग्रीस, तेल, कीचड़ आदि से मुक्त है T
- अत्यधिक ढीले-ढाले कपड़े न पहनें।
- बहुत तेज चलने से बचें। मोड़, किनारों, बाधाओं, आदि को पार करते समय धीमे हो जाए।
Topic – 16:- ग्राइन्डर्स के उपयोग में सुरक्षा (Safety in use of Grinders)
पोर्टेबल तथा बेन्च ग्राइन्डर्स का कारखाने में किसी वस्तु या सतह को घिसने, धार बनाने तथा कटिंग इत्यादि के कार्य में होता है। अगर इनका सुरक्षित प्रयोग न किया जाय तो विद्युत शॉक के अलावा ग्राईन्डिंग व्हील के टूटने से गम्भीर शारीरिक चोट भी लग सकती है। अतः इनका उपयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए :-
पोर्टेबल ग्राइन्डर (Portable Grinder)
- केवल अधिकृत व्यक्ति को ही ग्राइन्डर में व्हील को फिट करना चाहिये
- ग्राईन्डिंग व्हील पर गार्ड लगा होना चाहिए
- मशीन की स्पीड ग्राईन्डिग व्हील की स्पीड से ज्यादा नहीं होना चाहिए
- ग्राईन्डिग व्हील पर ज्यादा दबाव न डालें
- कार्य के अनुसार सही ग्रेड के व्हील का इस्तेमाल करें
- ग्राईन्डिंग करते समय दस्तानों का प्रयोग करें
- सुनिश्चित करें कि मशीन व उसके तार में कोई खराबी नहीं है
- Grinder का Wheel लगाते समय उसके RPM और एक्स्पाइरी डेट अवश्य चेक करें।
बेन्च ग्राइन्डर (Bench Grinder)
- वर्क रेस्ट व व्हील के बीच 1/8 इंच की दूरी सुनिश्चित करें
- ग्राइन्डर पर लगी शीशे की स्क्रीन को सही अवस्था में रखें
- कार्य के अनुसार सही ग्रेड के व्हील का इस्तेमाल करें
- नया व्हील लगाने के बाद उससे सुरक्षित दूरी बनाकर करीब एक मिनट तक चलाकर देखें । उसके पश्चात उपयोग में लाये
- सुनिश्चित करें की ग्राईन्डिग व्हील की गति मशीन की गति के अनुसार ही हो
- सुनिश्चित करें कि ग्राईन्डिग व्हील पर गार्ड लगा हो
- सुनिश्चित करें कि ग्राइन्डर का आधार मजबूत है तथा मशीन उस पर ठीक से लगी है
- जब ग्राईन्डर का इस्तेमाल न हो रहा हो तो उसे बन्द कर दें
- ग्राईन्डर्स पर काम करते समय आँखों की सुरक्षा के लिये चश्मा तथा इयर प्लग का इस्तेमाल करें
- नया व्हील लगाते समय निर्माता द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों का पालन करें
- ग्राईन्डर्स पर काम करते समय अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें
Conclusion
दोस्तों इस आर्टिकल में दिए गए Safety Topics for Daily Toolbox talk in Hindi को समय समय पर अपडेट किया जाता है और अधिक टॉपिक को जोड़ा भी जाता है इसीलिए आप इस पोस्ट पर विज़िट करके इसमे बताई गई जानकारी का अधिक मात्रा में लाभ उठा सकते हैं। अगर आपको कोई सुझाव या कोई प्रश्न है तो हमें कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकते हैं।